Wheat Price Drop 2025: गेहूं के दाम में भारी गिरावट – किसानों को 3 गुना राहत, MSP को लेकर नई अपडेट

भारत में गेहूं की कीमतों में आई ताजा गिरावट ने पूरे बाजार का माहौल बदल दिया है और इस बार यह गिरावट इतनी अहम है कि इसका सीधा असर आम जनता की रसोई तक पहुंच गया है क्योंकि थोक मंडियों में गेहूं के भाव प्रति क्विंटल 150 से 200 रुपये तक नीचे आ गए हैं और इस गिरावट का फायदा सीधे आटे, ब्रेड और रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई जरूरी चीज़ों पर दिखने लगा है जहां आटा 5 से 8 रुपये प्रति किलो तक सस्ता हो चुका है और इससे करोड़ों परिवारों को राहत मिली है जबकि दूसरी तरफ इस गिरावट ने सरकार को बाजार को स्थिर करने का मौका भी दिया है और इसी कारण कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिसका असर अब हर मंडी में दिखने लगा है।

Wheat Price Drop 2025

MSP पर नया दबाव

हालांकि गेहूं के दाम गिरने से आम जनता खुश है पर किसानों के लिए यह स्थिति थोड़ी चुनौतीभरी हो सकती है क्योंकि बाजार भाव MSP के नीचे आने पर कई किसानों की आमदनी प्रभावित होती है लेकिन सरकार ने इस बार रबी विपणन सत्र 2025–26 के लिए MSP बढ़ाकर 2,425 रुपये से 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जो करीब 6.6% की बढ़ोतरी है और इसे किसानों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है साथ ही सरकार ने रिकॉर्ड खरीद की घोषणा की है जिसमें लगभग 3.12 करोड़ टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है और अब तक करीब 2.86 करोड़ टन की खरीद की जा चुकी है जिससे किसानों को भारी भुगतान मिला है और लगभग 22.7 लाख किसानों को 62 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि सीधा खाते में पहुंच चुकी है।

आपूर्ति बढ़ने का असर

इस बार गेहूं की गिरावट के कई मुख्य कारण हैं जिनमें सबसे बड़ा कारण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं के दाम नरम पड़े हुए हैं और भारतीय मंडियों में भी अच्छी फसल की वजह से आपूर्ति बहुत ज्यादा बढ़ गई है जिससे स्वाभाविक रूप से भाव नीचे आने लगे हैं इसके अलावा सरकार ने महंगाई को काबू में रखने के लिए आवश्यक वस्तुओं पर सख्त नियंत्रण रखा है जिससे दामों को बाजार में स्थिरता मिल सके और आम उपभोक्ता को राहत मिलती रहे और इसी वजह से अब मंडियों में लगातार नरमी बनी हुई है और इसका फायदा सीधे जनता को मिल रहा है।

बोनस से मिलेगी राहत

दाम गिरने से जहां किसानों को थोड़ी चिंता हो सकती है वहीं कई राज्य सरकारों ने किसानों की आमदनी को संभालने के लिए MSP के ऊपर बोनस देने का एलान कर दिया है जैसे मध्य प्रदेश में किसानों को प्रति क्विंटल 275 रुपये का बोनस दिया जा रहा है जिससे कुल कीमत काफी बढ़ जाती है और किसान नुकसान से बाहर निकल आते हैं यह बोनस सरकार की उस पॉलिसी का हिस्सा है जिसमें किसानों को बाजार के बदलावों के बीच सुरक्षित रखने की कोशिश की जाती है और यही कारण है कि इस साल खरीफ और रबी दोनों सीज़न में किसानों को ज्यादा विकल्प मिल रहे हैं और वे अपनी फसल को सही समय पर सही दाम पर बेच पा रहे हैं।

किसानों के लिए जरूरी सलाह

इस पूरे बदलाव के बीच किसानों को मार्केट की स्थिति को समझकर ही बिक्री करनी चाहिए क्योंकि कई बार मंडी में समय का थोड़ा फर्क भी फसल के दाम बदल देता है इसलिए MSP और सरकारी खरीद केंद्रों की जानकारी लेते रहें और अपनी फसल को तभी बेचें जब उन्हें उचित कीमत मिल सके क्योंकि सरकारी खरीद इस बार पहले से ज्यादा मजबूत चल रही है और किसानों को भुगतान भी तेजी से मिल रहा है जिससे आर्थिक स्थिरता बढ़ती है।

अंत में बड़ा फायदा जनता को

कुल मिलाकर गेहूं के दाम गिरने की यह खबर हर घर के बजट को राहत देने वाली है क्योंकि महंगाई के बीच आटे और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमत कम होना एक बड़ी अच्छी खबर है वहीं किसानों के लिए MSP बढ़ोतरी और बोनस योजनाएं आर्थिक सुरक्षा देती हैं और आने वाले दिनों में बाजार में और स्थिरता देखने को मिल सकती है जिससे उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को फायदा होगा।

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